हिन्दुस्तान में जब VCR का दौर था तब घर घर में उमर शरीफ का स्टेज ड्रामा ‘बकरा किस्तों पर’ हर घर में देखा गया और पसन्द किया गया। इस ड्रामें ने उमर शरीफ को सारी दुनिया में मकबूल कर दिया था। आज उमर शरीफ का निधन हो गया है। वह 66 साल के थे। उमर काफी समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनको इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया था, जहां शनिवार को उनका निधन हो गया। पाक मीडिया के मुताबिक, जर्मनी में पाकिस्तान के राजदूत डॉ मोहम्मद फैसल ने उमर शरीफ की मौत की पुष्टि की है।
उमर शरीफ के एक नजदीकी दोस्त ने बताया कि अगस्त महीने में उन्हें हार्ट अटैक आया था। उनकी दो बार बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। मनोरंजन जगत में कॉमेडियन, अभिनेता और निर्माता के रूप में उनके योगदान के लिए उन्हें तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया था।
शरीफ की कैंसर से जंग जारी थी। ऐसे में इलाज के लिए उन्हें एयर एंबुलेंस से कराची से वॉशिंग्टन ले जाया जा रहा था, लेकिन अचानक तबीयत अधिक बिगड़ जाने के कारण जर्मनी में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी। वहीं के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। गौरतलब है कि उमर शरीफ भारत के पॉप्युलर कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में गेस्ट जज बनकर, नवजोत सिंह सिद्धू और शेखर सुमन के साथ नजर आए थे।
उमर शरीफ ने 1980 और 90 के दशक में भारत और पाकिस्तान में एक हास्य कलाकार, अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और मंच कलाकार के रूप में अद्वितीय लोकप्रियता हासिल की थी। उन्होंने पुरस्कार समारोहों और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कई बार भारत का दौरा भी किया।
1989-90 में, उनके दो हास्य मंच नाटक ‘बकरा किस्तों पे’ (Bakra qiston pe) और ‘बुड्ढा घर पे है’ (Budha Ghar pe Hai) पाकिस्तान और भारत में बॉ