लखीमपुर खीरी हत्याकांड मे पिछले महीने ही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया था कि किसानों को गाड़ी से कुचला जाना एक सोची समझी साजिश थी। आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी है। एसआईटी की इस रीपोर्ट के बाद से ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्त की मांग पर ज़ोर पकड़ने लगा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसआईटी CJM कोर्ट में पांच हजार पन्नों की एक चार्जशीट दाखिल कर दिया है। जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यानी चार्जशीट आशीष मिश्रा को किसानों का हत्यारा मानता है। पहले इस मामले में 13 अभियुक्तों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन अब चार्जशीट में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला का नाम भी जोड़ दिया गया है। वीरेंद्र कुमार शुक्ला पर साक्ष्य मिटाने की धारा 201 के तहत आरोप दायर किए गए हैं। इस तरह आरोपियों की संख्या 14 हो गई है।

एसआईटी के इस चार्जशीट के बाद एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग उठाई है।
लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार केस में एसआईटी द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, “5000 पेज वाली चार्जशीट का सच पूरे देश ने वीडियो के रूप में देखा है फिर भी मोदी सरकार आरोपियों को बचाने में लगी है। भारत गवाह है!”

 

इसके बाद, प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “झूठी माफी और कानून वापस लेने जैसे चुनावी कदम भी मोदी जी की किसान विरोधी सोच को ढक नहीं सकते। वे रक्षक के पद पर हैं, लेकिन भक्षक के साथ खड़े हैं। लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले की चार्जशीट में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ही किसानों को कुचलने की घटना के मुख्य आरोपी हैं… लेकिन नरेन्द्र मोदी जी के सरंक्षण के चलते मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर जांच की आंच तक नहीं आई और वे अपने पद पर बने हुए हैं।”


जबकि घटना के बाद किसानों द्वारा दी गई तहरीर में मंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम था। आम तौर पर जिन नामों को तहरीर दिया जाता है, वही नाम FIR में लिखना होता है। लेकिन शायद पुलिस ने चतुराई दिखाते हुए मंत्री अजय मिश्रा का नाम FIR में नहीं लिखा। और अब चार्जशीट में भी टेनी ‘महाराज’ का जिक्र नहीं है।

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