दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने डोर टू डोर प्रचार के सवाल पर केजरीवाल ने कहा,‘‘कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए कहा है, लेकिन हम तो डोर टू डोर ही करते हैं। ये ट्रेडिशनल तरीका होता था चुनाव लड़ने का, अब तो पैसे खर्चते हैं। बड़े-बड़े एड देते हैं। वो आम आदमी पार्टी को नहीं आता, हमारे पास पैसे नहीं है। हम ईमानदार पार्टी हैं।’’ यह बयान अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मोहाली मे दिया था।
केजरीवाल के बयान पर कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने लिखा है, ”कोरोना आपदा के सबसे बड़े दौर में 17 महीनों के दौरान दिल्ली सरकार ने केजरीवाल का चेहरा दिखाने वाले विज्ञापनों पर 490 करोड़ रुपए खर्च किए, अगर यही पैसा Health Infrastructure पर खर्च होता तो न जाने कितने घरों के चिराग आज भी रोशन होते । शर्मनाक!!”
कोरोना आपदा के सबसे बड़े दौर में 17 महीनों के दौरान दिल्ली सरकार ने केजरीवाल का चेहरा दिखाने वाले विज्ञापनों पर 490 करोड़ रुपए खर्च किए,
अगर यही पैसा Health Infrastructure पर खर्च होता तो न जाने कितने घरों के चिराग आज भी रोशन होते । शर्मनाक!!https://t.co/04An5zzDPA
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 22, 2022
केजरीवाल के बयान को साझा करते हुए श्रीनिवास लिखते हैं, इनके अंदर बिना Teleprompter वाला Modi है..
इनके अंदर बिना Teleprompter वाला Modi है.. pic.twitter.com/lt2uUUU8uY
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 22, 2022
न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा आरटीआई के जरिए पूछे गए सवाल के जवाब में दिल्ली सरकार ने बताया है कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के दौरान सरकार ने विज्ञापन एवं प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए खर्च किया है।
दिल्ली में जब कोरोना का कहर था। जब हर वर्ग परेशान था। लाश जलाने वाली मशीने खुद जल रही थी। श्मशानों पर लम्बी लाइन थी। तो उस त्रासदी के दौरान भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर हर रोज लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किया है।