नीट पीजी की काउंसलिंग में देरी होने की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। इसी दौरान दिल्ली में लगभग सभी बड़े अस्पतालों में डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं।
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स और पुलिस अब अमने सामने आ गए है।

दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से डॉक्टर मार्च निकालना चाह रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सभी गेट बंद कर दिए। देर रात तक डॉक्टर्स सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करते रहे।महिला चिकित्सकों का आरोप है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी भी की और प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने डॉक्टर्स को बुरी तरह पीटा, घसीटा, गाली दी और हिसारत में लिया।डॉक्टर्स को घसीटकर बसों में भर दिया गया।

दिल्ली की हालत लगातार खराब हो रही है। स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार हेमंत राजौरा के मुताबिक, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 10 हजार से ज्यादा सर्जरी रद्द किए जा चुके हैं। इलाज के अभाव में कई बीमार मरीजों की मौत हो चुकी है। ओपीडी सेवाएं 27 नवंबर से बंद हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस द्वारा डॉक्टर्स को घसीटे जाने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ”फूल बरसाना दिखावे का PR था, असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।”

एसोसिएशन का कहना है कि वर्क फोर्स में 42000 नए डॉक्टर्स को शामिल किए जाने से मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा और डॉक्टर्स पर भी वर्क लोड भी कम होगा।

डॉक्टर्स को घसीटकर बसों में भर दिया गया। दिल्ली पुलिस पर इस मनुहर का कोई असर नहा पड़ा। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन सफदरजंग के जनरल सेक्रेटरी डॉ. अनुज का कहना है कि पुरुष पुलिस ने महिला डॉक्टर्स के साथ बदसलूकी और गाली-गलौज की।

एक ऐसा वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि महिला डॉक्टर्स को पुरुष पुलिस घसीट कर ले जा रहे हैं। इस वीडियो में पुलिस द्वारा की जा रही बदसलूकी और हिंसा को साफ देखा जा सकता है। महिला डॉक्टर ने रोहित मीना नाम के अधिकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने डॉक्टर्स को सबसे ज्यादा पीटा है।

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