जब जब बीजेपी की लोकप्रियता घटती है तब तब PM मोदी को ‘ग्लोबल लीडर’ बताने के लिए नए नए हथकंडे अपनाती है।चाहे वो ‘हाउडी मोदी!’ हो, या मैडिसन स्क्वायर पर आयोजित कार्यक्रम, या फिर नमस्ते ट्रम्प ही क्यों न हो जिसके बाद भारत में कोरोना तीव्र गति से बढ़ा था।
PM मोदी की अमरीका यात्रा से लौटने पर उनके स्वागत के लिए दिल्ली के पालम एयरपोर्ट के बाहर 15,000 से अधिक लोगों की भीड़ जमा थी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस कार्यक्रम में मोदी की ग्लोबल लीडर वाली छवि को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को अमेरिका से लौटने के मौके पर उनका दिल्ली स्थित पालम एयरपोर्ट पर ढोल-नगाड़ों की धुन और भांगड़ा नृत्य के बीच पूरे जोरशोर से स्वागत किया जाना यह दर्शाता है कि भाजपा एक बार फिर उन्हें एक ऐसे ‘ग्लोबल लीडर’ के तौर पर पेश करने की कोशिश में जुटी है, जिसका- जैसा पार्टी अध्यश्र जे.पी. नड्डा ने कहा भी- ‘मार्गदर्शन’ पूरी दुनिया चाहती है.
दिप्रिंट के अनुसार जिन तमाम भाजपा नेताओं से बात की उनका कहना था कि मोदी को वैश्विक स्तर पर एक कद्दावर नेता के तौर पर पेश किए जाने से उन नकारात्मक भावनाओं पर काबू पाने की उम्मीद है जो बिगड़ी आर्थिक स्थितियों और महामारी को लेकर कुप्रबंधन की ‘धारणा’ से उपजी हैं.
यह सब ऐसे समय पर हुआ है जब मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आ रही है. इंडिया टुडे के ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण के मुताबिक उनकी लोकप्रियता रेटिंग 2020 में 66 फीसदी के मुकाबले घटकर 2021 में 24 फीसदी ही रह गई है. वहीं, अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म मॉर्निंग कंसल्ट के एक अन्य सर्वेक्षण में बताया गया है कि इस साल मई में मोदी की स्वीकार्यता की रेटिंग 63 प्रतिशत थी, जो एक साल पहले 84 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है.

शायद यही वजह है कि नड्डा, जो पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एयरपोर्ट पहुंचे थे, ने मोदी को शक्तिशाली वैश्विक नेताओं की श्रेणी में रखने की पुरजोर कोशिश की है.

एयरपोर्ट पर अपने भाषण में पार्टी अध्यक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मोदी की दोस्ती का जिक्र किया और यह भी कहा कि भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक वैश्विक खिलाड़ी के तौर पर उभरा है.
भाजपा नेताओं के मुताबिक, मोदी की विदेश यात्राएं हमेशा से ही उनकी छवि को मजबूत करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रही हैं.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति उनके व्यक्तित्व और उनकी ब्रांड वैल्यू पर केंद्रित है. विदेश यात्रा व्यापक स्तर पर उनकी छवि मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है. चाहे वह ‘हाउडी मोदी!’ हो या मैडिसन स्क्वायर पर आयोजित कार्यक्रम, इसने जन-जन तक यह संदेश पहुंचाने में भाजपा की मदद की है कि प्रधानमंत्री भारत के हितों की रक्षा कर रहे हैं और भारत को अब एक कमजोर राष्ट्र के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि यह एक मुखर आवाज बन चुका है.’

उक्त नेता ने कहा, ‘कोई धारणा बन जाना काफी महत्वपूर्ण है और इस तरह के आयोजन सरकार और खासकर प्रधानमंत्री के बारे में सकारात्मक धारणा बनाने में मदद करते हैं.’

दिल्ली भाजपा के महासचिव हर्षदीप मल्होत्रा ने बताया, 15000 से अधिक लोग- भाजपा कार्यकर्ता और आम जनता दोनों- सम्मान समारोह के लिए पालम हवाई अड्डे के बाहर जुटे थे.
‘करीब दो किलोमीटर लंबी कतार थी और पीएम मोदी ने यहां पहुंचे सभी लोगों का आभार जताया. भांगड़ा सहित लगभग 10-12 म्यूजिकल ग्रुप मौजूद थे, कुछ शहनाई बजा रहे थे, जबकि कुछ ने ढोल बजाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया.’
कार्यक्रम में शामिल रहे मल्होत्रा ने कहा, ‘पूरे रास्ते ‘ग्लोबल लीडर मोदी जी का अभिनंदन’ के होर्डिंग लगे थे और लगातार पुष्पवर्षा की जा रही थी.’
आपको बताते चलें यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने मोदी की अमेरिका यात्रा का इस्तेमाल देश के लोगों का ध्यान आकृष्ट करने और यह दिखाने के लिए किया है कि कैसे मोदी के नेतृत्व में भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में देखा जाता है.


हालांकि, भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि रविवार का समारोह ज्यादा महत्वपूर्ण था क्योंकि कोविड के कारण पिछले दो वर्षों से इस तरह की विदेश यात्राएं नहीं हुई थीं.भाजपा नेता यहीं नहीं रुके उनोने आगे कहा की कोविड महामारी और सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री की लोकप्रियता भी घटने लगी थी.
भाजपा के एक अन्य नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ऐसे आयोजन सरकार और पार्टी के लिए काफी समय से अपेक्षित ‘राहत’ पहुंचाने वाले हैं, जो कोविड ‘प्रबंधन’ के अलावा बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी आलोचनाओं का सामना कर रही थी.

उन्होंने कहा, ‘यह यात्रा घरेलू मोर्चे पर प्रधानमंत्री की छवि फिर मजबूत करने का बेहतरीन मौका थी. अमेरिका यात्रा एक बार फिर देशवासियों का भरोसा जीतने में मदद करेगी, खासकर चुनाव नजदीक होने के मद्देनजर क्योंकि महंगाई पर काबू पाना या तुरंत रोजगार के मौके उत्पन्न करना आसान नहीं है, लेकिन ऐसे आयोजन लोगों को यह एहसास महसूस कराने में मददगार होते हैं कि एक सशक्त प्रधानमंत्री का होना कितना जरूरी है, इसके आगे बाकी सभी चीजें गौण हो जाती हैं.’
नेता ने कहा, ‘अमेरिका में नई सरकार के साथ यह प्रधानमंत्री की पहली सीधी बैठक थी. संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री का संबोधन दो चुनौतियों पर था- पाकिस्तान और अफगानिस्तान- जो देश की जनता की नजर में काफी शानदार रहा है. यह भी एक अच्छी बात है कि नई डेमोक्रेट सरकार ने वैश्विक महामारी से लड़ने के साथ-साथ टीकाकरण की दिशा में प्रयासों के लिए भारत की सराहना की है.’

नड्डा ने रविवार के कार्यक्रम में ही वैश्विक विकास में भारत के महत्वपूर्ण योगदान और बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मोदी की ‘फ्रैंक’ मीटिंग का जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच रिश्ता आज का नहीं है बल्कि उनकी पुरानी दोस्ती है. और अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी अपने बयान में स्पष्ट शब्दों में इस दोस्ती का जिक्र किया है. यही वजह है कि हम सबने देखा कि द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के दौरान दोनों नेताओं की बातचीत में काफी खुलापन दिखाया दिया दी. इससे यह भी पता चलता है कि भारत के बारे में धारणा कितनी बेहतर हुई है.’
अब सवाल उठता है की देश के लिए मोदी की इमेज बिल्डिंग पर ध्यान देने की ज़रूरत है या फिर देश को आर्थिक संकट से उभारने की?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *