किसान अंदोलन को कृषि कानूनो का विरोध करते हुए एक साल होने वाला है। अब तक लगभग 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन शहीद किसानो के बारे में कुछ भी नही बोले। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करा है। अब वो शहीद किसान कैसे वापस आंएगे उन के परिवार को क्या जवाब दोगे।

किसान अंदोलन को कृषि कानूनो का विरोध करते हुए एक साल होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर तीनो कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है। यह बात भी सच है की प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक शहीद किसानो पर अब तक कुछ नहीं बोला। प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद किसान संगठनो द्वारा भले ही स्वागत किया जा रहा है लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह साफ कर दिया है कि पीएम मोदी के ऐलान के बावजूद जब तक संसद में तीनों कृषि कानून को रद्द नहीं किया जाता। तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा।

इसी बीज बीजेपी समर्थक कंगना रानैत ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। तीनों कानूनों को वापस लिए जाने पर कंगना रनौत ने भारत को एक जिहादी देश कहा है। कंगना रानैत ने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी मे लिखा है की “कृषि कानूनों को वापस लिया जाना बहुत ही दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत है।
अगर संसद में चुनी गई सरकार के बदले सड़कों पर उतरे लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया। तो यह एक जिहादी देश है। उन सबको बधाई जो कि यही चाहते हैं।”

अपनी इस विवादित बयानो को लेकर कंगना रानैत चर्चा मे बनी रहती है। कुछ समय पहले उन्होने आजादी और स्वातंत्र सेनानीयों के बारे में अपमानजनक बयान भी दिये थे। इन्ही बयानो के कारण कंगना रानैत की निंदा की जा रही है।और बीजेपी सरकार अब तक चुप है।

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