योगी सरकार के सारे दावे रखें रह गए। 9 लाख दीपों से सजी अयोध्या में दीवाली गरीबों की भूख और लाचारी को अपमानित करती पाई गई। योगी आदित्यनाथ बड़ी धूमधाम से 9 लाख दीपों का प्रचार कर रहे थे। दुनिया को दिखाना चाहते है कि प्रदेश में रामराज्य केवल वह ही ला रहे है। मानो वह ही हिन्दू पुरोधा हो। रामराज्य के उद्वारक हो। लेकिन गरीब आदमी योगी आदित्यनाथ के रामराज्य में दीपों से तेल जमा कर अपने घर का चुल्हा जलाने में नजर आया।

यह कैसा रामराज्य है? जहां गरीबों को खाने को रोटी नहीं, बीमारों का इलाज नहीं, कामगार को रोजगार नहीं। केवल विज्ञापन और झुठे दावो से सजी 9 लाख दीपों वाली दिवापली उत्तर प्रदेश सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है।9 लाख दीपों वाली रात तो गिनिज बुक में दर्ज कर दी लेकिन अगली सुबह कौन दिखाएगा? अयोध्या के गरीब जन उन दियों से तेल निकालकर अपने घर दो वक्त की रोटी बनाने का जुगाड़ कर रहा है।

कितना अच्छा होता अगर मुख्यमंत्री उन गरीबों के घर वो दियों से जलने वाला तेल पहुंचा देते? प्रदेश की गरीब जनता के ‘टैक्स के पैसों ‘को ऐसे ‘रिकार्ड’ बनाने में दर्ज किया जा रहा है जिनका देश के विकास और लोगों की खुशहाली से कोई वास्ता नहीं! क्या मुख्यमंत्री को नहीं दिखाई दिया कि अगली ही सुबह बड़ी तादात में गरीब बच्चे, औरतें आदमी दियों से तेल निकालकर अपने डब्बों में भरने लगे? यह एक मुख्यमंत्री के लिए बेहद शर्मनाक है! लोगों को घरों में दिपावली मनाने के लिए राशन उपलब्ध नहीं है और मुख्यमंत्री ढकोसलों पर करदाताओं का पैसा व्यर्थ कर रहे है।

रामराज्य के राम भी गरीब बच्चों को दियों से तेल ले जाते हुए देखकर फूट फूट कर रोने लगे होगें? क्या ऐसे ही राज्य की कल्पना भगवान राम ने की होगी जहां गरीबों को चुल्हा जलाने के लिए दियों से तेल निकालना पड़ता हो! काश योगी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार यह देख पाती त्यौहारों के समय भी देश के लोग दियों से तेल भरकर अपने घरों में खाना पकाने का इंतजाम करते है तो कभी इस तरह के ढकोसलोें पर पैसा व्यर्थ न करती?

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