कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को अगवा कर की गई पिटाई के मामले पर कहा कि ऐसी क्रूरता समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। वहीं उत्तर प्रदेश सँभालने में पूर्ण रूप से असफल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी पर समाज में जहर फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस नेता उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना बंद करें।
क्या मामला था
गाजियाबाद में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।’’

योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘‘प्रभु श्री राम की पहली सीख है-“सत्य बोलना” जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।’’

राहुल गांधी के ट्वीट और योगी आदित्यनाथ पर उनके हमले के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच ट्वीटर पर युद्ध छिड़ गया।

योगी के ट्वीट करने के बाद राहुल गांधी के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पलटवार किया।
‘‘जिसकी पार्टी ने हलफनामे में भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया, जो स्वयं हिंदुओं को आतंकवादी कह चुका है वो आज भगवान राम के नाम को बदनाम करे, इस बात से कोई स्तब्ध नहीं। मगर जनाब प्राथमिकी की कॉपी में लिखे नामों को पढ़ लेते तो वोट बैंक के मोह में आकर यह ट्वीट करने की हिम्मत नहीं करते।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने रणदीप सुरजेवाला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप मुख्यमंत्री के साथ सन्त भी कहलाते हैं। क्या आपको शर्म व आत्मग्लानि नही होती जब आपकी नाक के नीचे श्रीराम मंदिर निर्माण के चढ़ावे में करोड़ों की हेराफेरी के तथ्य सामने आए पर कोई जाँच नही? जब मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास मनमानेपन-अपारदर्शिता का आरोप लगाते हैं और आप चुप हैं।’’

गाजियाबाद में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई करने और जबरन उनकी दाढ़ी काटने के आरोप में पुलिस ने और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित व्यक्ति का दावा है कि उनकी पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था। पुलिस ने इस मामले में साम्प्रदायिक पहलू होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि सूफी अब्दुल समद की पिटाई करने वालों में हिन्दू-मुसलमान मिलाकर कुछ छह लोग शामिल थे और सभी उनके द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे।

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