गोरखनाथ मंदिर के आस पास बसे लगभग एक दर्जन मुस्लिम घरों को हटाकर कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर वहां हंगामा मचा हुआ है। वहां रह रहे प्रभावित मुस्लिमों का आरोप है की पुलिस बल के दबाव में उनसे सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराये गए और उन्हें सही सही जानकारी भी नहीं दी गयी ” मीडिया रिपोर्ट के अनुसार “मुस्लिम परिवारों पर दबाव कुछ इस तरह बनाया गया है उन्हें दबाव में लेने के लिए समाजवादी नेता आजम खान और मुख्तार अंसारी का उदाहरण दिया गया की कैसे बाबा ने उनकी सारी संपत्ति ज़ब्त की और उनके रिहायशी मकानों पर कैसे बुलडोज़र चलवाया गया वो इतने बड़े रसूख वाले नेता कुछ नहीं कर पाए तो आप क्या करोगे ” वहीं दूसरी और प्रशासन का कहना है की सभी मुस्लिम परिवारों को सटीक जानकारी दे दी गयी थी तथा उन पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया गया।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक सभी मुस्लिम परिवारों का कहना है की हमारे पूर्वज यहां सौ साल पहले आकर बसे थे,हमारा सौ साल का लगाव जुड़ा है यहां हमारे पूर्वजों के जनाज़े निकले हैं हमारी बेटियों की डोली यहीं से उठी हैं बाबा ( योगी आदित्यनाथ) हमारे भावनात्मक लगाव को समझें। हम ये जगह ख़ाली नहीं करना चाहते। अपना नाम न बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया 27मई की रात को SDM और लेखपाल आये उनके साथ भारी फोर्स भी थी हमने पूछा की क्या मामला है तो हमे बताया गया की सुरक्षा के मद्देनज़र आपको ये मकान ख़ाली करना पड़ेगा आपको इसका मुआवज़ा भी दिया जायेगा अगले दिन यानी 28 मई को लेखपाल के साथ भारी पुलिस फोर्स आई और हमसे ज़बरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराये गए उस पत्र में क्या लिखा था ये भी हमें पढ़ने नहीं दिया गया?
सुरक्षा के सवालों को लेकर मुलिम समुदाय का कहना है की यहाँ अब से पहले कोई ऐसी बात नहीं हुई हम मुठ्ठी भर मजदूर आदमियों से योगी या यहां के निवासियों को कैसे खतरा हो सकता है? फिलहाल रोज़ी रोटी छिन जाने का डर इन मुस्लिम परिवारों की आँखों में साफ़ देखा जा सकता है। योगी की मुस्लिम विरोधी राजनीति को जानते हुए भी ये मुस्लिम योगी से इन्साफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं! सत्ता और प्रशासन के दबाव में यदि इन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है तो ये कानून को ऊपर रखने वाले देश को कटघरे में खड़ा रखने के लिए काफी होगा। फिलहाल ये मजदूर अल्पसंख्यक परिवार मुख्यमंत्री योगी को किसी भी रूप में क़ानूनी चुनौती देने के हालात में नहीं है।